Martin movie review , जब किसी फिल्म को तीन साल से बनाया जा रहा हो और उसे हाई-ऑक्टेन एक्शन एंटरटेनर के रूप में प्रचारित किया जाता हो, तो दर्शकों की उम्मीदें स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती हैं। खासकर जब यह कन्नड़ फिल्म हो, तो लोग KGF और कांतारा जैसी फिल्मों को बेंचमार्क मानकर सिनेमाघर में प्रवेश करते हैं। ध्रुवा सरजा की फिल्म Martin को लेकर भी दर्शकों की ऐसी ही उम्मीदें थीं, लेकिन फिल्म उन पर पूरी तरह से खरी नहीं उतर पाई है।
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History of Martin: मार्टिन की कहानी
Martin movie review , Martin की कहानी ध्रुवा सरजा के चाचा और दक्षिण भारतीय फिल्मों के मशहूर अभिनेता अर्जुन सरजा ने लिखी है। अर्जुन सरजा को देशभक्ति से भरपूर एक्शन फिल्मों के लिए जाना जाता है, और फिल्म में एक्शन की भरमार है, क्योंकि ध्रुवा सरजा को कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में ‘एक्शन प्रिंस’ कहा जाता है।
फिल्म की कहानी अर्जुन (IRS अधिकारी) और मार्टिन (एक खतरनाक गैंगस्टर) के इर्द-गिर्द घूमती है, दोनों भूमिकाएं ध्रुवा सरजा ने निभाई हैं। ये दोनों किरदार बिल्कुल अलग हैं और जब ये आपस में टकराते हैं, तो स्थिति पूरी तरह से अराजक हो जाती है। फिल्म की शुरुआत पाकिस्तान की जेल में होती है, जहां से मार्टिन भाग निकलता है और मुंबई में आतंक फैलाता है। उसका लक्ष्य अर्जुन को पकड़ना है, और इसी प्रक्रिया में वह कई अवैध काम करता है। फिल्म की बाकी कहानी इन्हीं दोनों के टकराव पर आधारित है।
Martin’s Weak Plot: मार्टिन का कमजोर प्लॉट
Martin की कहानी कई जगहों पर कमजोर है और इसे ठीक से विकसित नहीं किया गया है। फिल्म में तर्क का अभाव है और कुछ दृश्यों में लॉजिक पूरी तरह से गायब है। उदाहरण के लिए, फिल्म में पाकिस्तान के लोग कन्नड़ भाषा बोलते नजर आते हैं, जो किसी भी तरह से तार्किक नहीं लगता।
ध्रुवा सरजा ने फिल्म में एक्शन सीन शानदार तरीके से किए हैं और यही फिल्म निर्माताओं ने भुनाने की कोशिश की है। लेकिन केवल एक्शन दृश्यों से फिल्म नहीं चलती; एक मजबूत और दिलचस्प कहानी की जरूरत होती है जो दर्शकों को बांधे रख सके। दुर्भाग्य से, यहां लेखक और निर्देशक दोनों इस मोर्चे पर असफल रहे हैं।
फिल्म की वीएफएक्स गुणवत्ता भी कमजोर है, और एडिटिंग तो बेहद खराब है, जिससे फिल्म की रफ्तार भी धीमी पड़ जाती है।
lack in technical aspect: तकनीकी पक्ष में भी कमी
Martin को एक बड़े बजट की फिल्म के रूप में पेश किया गया था, लेकिन तकनीकी स्तर पर यह कई जगहों पर कमजोर नजर आती है। रवि बसरूर द्वारा दी गई बैकग्राउंड म्यूजिक (BGM) उनके पिछले काम (सलार, KGF) की तुलना में काफी फीकी है। मणि शर्मा द्वारा दिए गए गाने भी औसत हैं और हाल के लोकप्रिय गानों की याद दिलाते हैं।
Just action, no story: सिर्फ एक्शन, लेकिन कहानी नहीं
Martin movie review : ध्रुवा सरजा के लिए यह फिल्म करियर में एक मील का पत्थर साबित होनी चाहिए थी, लेकिन यह फिल्म केवल हाइप तक सीमित रह गई। उनके एक्शन सीन्स की तारीफ तो हो सकती है, लेकिन फिल्म उनके करियर को शायद नुकसान ही पहुंचाएगी। निर्देशक ए.पी. अर्जुन के लिए यह फिल्म एक बड़ा मौका था, लेकिन वे इस परीक्षा में असफल रहे हैं। अर्जुन सरजा द्वारा लिखी गई यह कहानी कमजोर साबित हुई और यह स्पष्ट हो गया कि कहानी लेखन शायद उनका क्षेत्र नहीं है
फिल्म के अंत तक आते-आते दर्शक खुद से पूछते हैं कि आखिर यह कहानी क्या कहना चाहती थी, और इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता। Martin एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों को निराश करती है, और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह एक बुरी तरह से उलझी हुई फिल्म है।
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